चित्तौड़गढ़। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश क्रमांक 2 चित्तौड़गढ़ विनोद कुमार बैरवा ने अपने महत्वपूर्ण निर्णय में मानव हत्या का प्रयास करने के दोषी आरोपी युवक को अधिकतम 7 साल की कठोर सजा व 85000 रुपए के जुर्माने दंडित किया है। अपर लोक अभियोजक संख्या-2 चित्तौड़गढ़ अब्दुल सत्तार खान के अनुसार 27 अप्रेल 2021 को प्रार्थी गोविंद रेबारी पिता कजोड़ रेबारी निवासी- दांतला तहसील भानपुरा जिला मंदसौर (मध्यप्रदेश) ने एक रिपोर्ट थाना सदर चित्तौड़गढ़ में पेश की कि उसकी शादी 15 -20 साल पहले टीना नाम की युवती से हुई थी, शादी के चलते दो बच्चे हुए। आरोपी झबरु रेबारी उसकी पत्नी टीना सहित दोनों बच्चों को कहीं लेकर चला गया। घटना से पहले झबरु रेबारी का फोन आया की चित्तौड़ आकर अपनी पत्नी टीना और बच्चों को ले जाओ, जिस पर दिनांक 3 अप्रैल 2021 को प्रार्थी चित्तौड़ आया, जहां आरोपी झबरु रेबारी मिला और उसे अपने साथ ओछड़ी टोल नाके के आगे सुनसान स्थान पर ले गया और कहा कि यहां तेरे बच्चे आने वाले हैं। इतने में झबरु ने चाकू निकाल कर उसके पेट पर वार कर दिए जिससे पेट की आंतें बाहर आ गई जिन्हें अपने हाथ से दबाकर वो भागा और टोल नाके तक पहुंचा जहां से उसे एंबुलेंस ने चित्तौड़ सरकारी अस्पताल पहुंचाया। चाकू की गंभीर चोटें होने से उसे उदयपुर रेफर कर दिया गया जहां उसके आई चोटों का कई दिन इलाज चला। इस आशय की रिपोर्ट पर थाना सदर चित्तौड़गढ़ में प्रकरण संख्या 112/2021 धारा 307, 326 आईपीसी और 4/25 आर्म्स एक्ट में दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया। मुल्जिम झबरु को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया।
विचारण न्यायालय में अभियोजन की ओर से 8 गवाहों की साक्ष्य कराई गई, 16 दस्तावेजों को प्रदर्शित करवाया गया, मुल्जिम की निशादेही से जप्तशुदा आर्टिकल फलदार चाकू न्यायालय में पेश किया गया।
न्यायालय ने आरोपी द्वारा प्रार्थी की पत्नी व बच्चों को लौटाने का बहाना लेकर उसे चित्तौड़ बुलाना और सुनसान स्थान पर ले जाकर चाकू से वार करने के कृत्य को गंभीर माना।
प्रार्थी घायल का चोट प्रतिवेदन तैयार करने वाले डॉक्टर ने आई चोटों को प्राण घातक मानते हुए चोट धारदार हथियार से आना स्वीकारा साथ ही चोटें 6 घंटे के भीतर की होना बताया। न्यायालय में प्रार्थी गोविंद ने पेट पर आई अपनी चोटों को दिखाया जो स्पष्ट नजर आ रही थी। प्रार्थी ने उसके साथ चाकू करने की वारदात करने वाले मुल्जिम झबरु की न्यायालय में पहचान की। विचारण न्यायालय ने बचाव पक्ष और अभियोजन की दलीलों को सुनने के पश्चात अभियुक्त झबरु रेबारी पिता सांवल उर्फ सायल रेबारी उम्र 26 साल, मूल निवासी बोलो का सांवता थाना गंगरार हाल ग्राम सालरिया तहसील गंगरार जिला चित्तौड़गढ़ को दोषी मान कर धारा 307 आईपीसी में 7 वर्ष का कठोर कारावास 50 हजार जुर्माना, धारा 326 आईपीसी में 3 वर्ष का कठोर कारावास को 25 हजार जुर्माना, धारा 4/25 आर्म्स एक्ट में एक वर्ष का कठोर कारावास 10 हजार जुर्माने से दंडित किया।

Author: डेस्क/माय सर्कल न्यूज
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