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July 2, 2025 12:48 am

डिलीवरी के दौरान अस्पताल में जच्चा और बच्चा की मौत, परिजनों का हंगामा, मेडिकल बोर्ड से करवाया पोस्टमार्टम

चित्तौड़गढ़। महिला एवं बाल चिकित्सालय में प्रसूताओं के मरने का सिलसिला लगातार जारी है। बीती रात ऐसे ही एक घटनाक्रम में उपचार के दौरान चिकित्सालय में उपचाररत जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। मृत्यु के बाद परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया और हंगामा शुरु कर दिया। बाद में अतिरिक्त कलक्टर विनोद मल्हौत्रा, उपखंड अधिकारी पंकज बड़गुर्जर, डिप्टी विनय चौधरी, सदर निरंजन प्रताप सिंह और कोतवाली थानाधिकारी भवानी सिंह समेत पुलिस जाब्ता अस्पताल पहुंचा और परिजनों से बातचीत की।

गौरतलब हें कि पूर्व में भी महिला एवं बाल चिकित्सालय में तीन बार प्रसूता की मौत के मामले हाे चुके है और इन मामलों में भी जांच जारी हैं

प्राप्त जानकारी के अनुसार सेगवा निवासी महिला 29 वर्षीय प्रीति कंडेरा पत्नी नरेश कंडेरा को प्रसव पीड़ा होने पर कल महिला एवं बाल चिकित्सालय में भर्ती कराया। पीड़ा अधिक होने पर उन्होंने चिकित्सक को बुलाने की गुहार लगाई परिजनों का कहना था कि चिकित्सक दिप्ती श्रीवास्तव दो घंटे तक नहीं पहुंची जिसके चलते पहले पेट में बच्चे की मौत हो गई वहीं थोड़ी देर बाद प्रसूता की भी मृत्यु हो गई। मृतका के 4 साल की एक बेटी भी हैं।

मृतका की माँ एडीएम से मामले में कार्यवाही की मांग करते हुए

इस घटना के बाद बड़ी संख्या में लोग अस्पताल में एकत्र हो गए और चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाया। गौरतलब है कि पूर्व में भी महिला एवं बाल चिकित्सालय में तीन बार प्रसूता की मौत के मामले हाे चुके है और इन मामलों में भी जांच जारी है।

इस मामले में महिला चिकित्सक दिप्ती श्रीवास्तव सहित अन्य नर्सिंगकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की और चिकित्सक को निलंबित किये जाने की मांग रखी।

हत्या का मामला दर्ज करने की मांग
बड़ी संख्या में एकत्र हुए परिजनों ने आरोप लगाया कि चिकित्सक अगर मौके पर पहुंचती तो संभवतया बच्चे और मां की जान बच सकती थी। उन्होंने इस मामले में महिला चिकित्सक दिप्ती श्रीवास्तव सहित अन्य नर्सिंगकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की और चिकित्सक को निलंबित किये जाने की मांग रखी। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने परिजनों से चर्चा कर बाहर से चिकित्सक बुलाकर मेडिकल बोर्ड गठित कर पोस्टमार्टम करने का निर्णय लिया।

बोर्ड गठित कर किया पोस्टमार्टम
हंगामे और घटनाक्रम के बाद चित्तौड़गढ़ चिकित्सालय से अलग दूसरे स्थानों से तीन चिकित्सकों का बोर्ड बनाकर पोस्टमार्टम करवाया गया। इस दौरान परिजनों ने मुआवजे की मांग रखी। वहीं उन्होंने कहा कि प्रसूता की मौत के बावजूद उनसे ब्लड यूनिट मंगवाई गई जबकि पहले से ही प्रसूता दम तोड़ चुकी थी। इस मामले में जिला कलक्टर ने जांच का भी निर्णय लिया है।

डेस्क/माय सर्कल न्यूज
Author: डेस्क/माय सर्कल न्यूज

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