शाहपुरा। राज्य सरकार की पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा योजना के अंतर्गत कोटड़ी उपखंड क्षेत्र के जावल गांव में गुरुवार को आयोजित प्रशासनिक शिविर ग्रामीणों के लिए राहत लेकर आया। शिविर में वर्षों से लंबित मामलों का मौके पर ही समाधान किया गया, जिससे काश्तकारों एवं ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे। शिविर की अध्यक्षता नायब तहसीलदार श्रीलाल मीणा ने की, जबकि सरपंच अंबेश भवानी चैधरी के निर्देशन में आयोजित शिविर में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। शिविर में बंटवारा, इंतकाल, रास्तों के विवाद, बिजली की मरम्मत, वन विभाग द्वारा पौधरोपण, टीबी रोगियों को पोषण किट वितरण, आवासीय पट्टे और जॉब कार्ड वितरण जैसे कार्य संपन्न हुए।
शिविर की विशेष उपलब्धि रही अखेपुर गांव के एक 40 साल पुराने सहखातेदारी भूमि विवाद का तत्काल निस्तारण। काश्तकार रामप्यारी देवी, शायर देवी, रामस्वरूप जाट, जगदीश जाट और गणेश जाट ने वर्षों से लंबित बंटवारे की समस्या को लेकर प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। मामले को गंभीरता से लेते हुए शिविर में उपस्थित नायब तहसीलदार श्रीलाल मीणा, गिरदावर मोहन सिंह और पटवारी कविता साहू ने मौके पर ही आवश्यक दस्तावेजों की जांच कर बंटवारा करवा दिया। इससे वर्षों से परेशान काश्तकारों को राहत मिली।
ग्रामीणों ने बताया कि यह मामला बीते चार दशकों से अटका हुआ था, जिससे संबंधित परिवारों को भूमि उपयोग में बाधा आ रही थी। शिविर में प्रशासन की तत्परता से सभी पक्ष संतुष्ट हुए और उन्होंने प्रशासन का आभार प्रकट किया।

शिविर में निम्न कार्य हुए-भूमि बंटवारे एवं इंतकाल के कई प्रकरणों का निराकरण, रास्तों के विवादों का समाधान, बिजली लाइन मरम्मत की शिकायतों पर तुरंत कार्यवाही, वन विभाग द्वारा 800 पौधों का रोपण, टीबी रोगियों को पोषण किट वितरण, एक दर्जन से अधिक आवासीय पट्टों का वितरण, नई जॉब कार्ड की स्वीकृति एवं वितरण शिविर में चिकित्सा, पशु चिकित्सा, पंचायती राज, सहकारिता, समाज कल्याण, बिजली विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। मौके पर ही ग्रामीणों की समस्याएं सुनकर उनका समाधान किया गया, जिससे शिविर को व्यापक सफलता मिली। शिविर प्रभारी नायब तहसीलदार श्रीलाल मीणा ने बताया कि प्रशासन का उद्देश्य है कि गांव-गांव जाकर लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाए और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ सुलभ रूप से मिले। उन्होंने कहा कि ऐसे शिविर आमजन की पीड़ा को समझने और त्वरित समाधान का माध्यम बन रहे हैं। जावल का यह शिविर प्रशासनिक प्रयासों और जनभागीदारी की मिसाल बनकर सामने आया है। वर्षों से लंबित विवादों का समाधान और योजनाओं का लाभ एक ही स्थान पर देकर सरकार की अंत्योदय की भावना को साकार किया गया।

Author: डेस्क/माय सर्कल न्यूज
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