
दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को फिल्म उदयपुर फाइल्स की रिलीज पर रोक लगा दी। कोर्ट ने यह रोक तब तक के लिए लगाई है, जब तक केंद्र सरकार Central Government इसके कंटेंट पर कोई फैसला नहीं ले लेती। फिल्म के विवादित सब्जेक्ट के चलते इसपर प्रतिबंध लगाने की मांग तेज हो गई थी। इस फिल्म के ट्रेलर में नूपुर शर्मा का वो विवादित बयान भी शामिल है, जिसकी वजह से उनको भारतीय जनता पार्टी ने पार्टी से निकाल दिया था। इस फिल्म पर रोक लगाने के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने दिल्ली के साथ-साथ बंबई और गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।जमीयत की इस याचिका पर आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुनवाई के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने उदयपुर फाइल्स की रिलीज पर अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता जमीयत को संबंधित अधिनियम की धारा 6 के तहत केंद्र सरकार से संपर्क करने की सलाह दी जो केंद्र को फिल्म की रिलीज़ रोकने का अधिकार देती है।
बता दें कि उदयपुर फाइल्स एक हिंदी फिल्म है जो साल 2022 में राजस्थान के उदयपुर में हुई कन्हैयालाल की हत्या की सच्ची घटना पर आधारित है। फिल्म की कहानी उस समय की घटना को दर्शाती है जब एक दर्जी कन्हैयालाल ने एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दो कट्टरपंथियों द्वारा बेरहमी से हत्या का शिकार हो गया था। यह फिल्म इसी हत्या के पीछे की विचारधारा, सोशल मीडिया पर फैलाई गई नफरत, और राजनीतिक व धार्मिक उथल-पुथल को उजागर करती है।


◆विवाद का कारण
फिल्म पर विवाद इसलिए हुआ क्योंकि कई संगठनों और मुस्लिम समुदाय के कुछ नेताओं ने आरोप लगाया कि यह फिल्म एक धर्म विशेष को टारगेट करती है और समाज में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दे सकती है। वहीं, फिल्म निर्माता इसे ‘सच्चाई पर आधारित’ बताते हुए कहते हैं कि इसका उद्देश्य पीड़ित को न्याय दिलाना और कट्टरता के खिलाफ आवाज उठाना है। राजनीतिक दलों में भी फिल्म को लेकर मतभेद हैं. कुछ इसे अभिव्यक्ति की आजादी मानते हैं, तो कुछ इसे प्रोपेगेंडा कह रहे हैं।

Author: डेस्क/माय सर्कल न्यूज
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