
चित्तौड़गढ़। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन एवं किसानों को अधिकाधिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से सोमवार को जिला कलक्टर के निर्देशानुसार उपखंड अधिकारी एवं प्रभारी भू-अभिलेख अधिकारी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला नोडल अधिकारी (संयुक्त निदेशक कृषि – विस्तार), अग्रणी जिला बैंक अधिकारी (बैंक ऑफ बड़ौदा), प्रबंध निदेशक (केन्द्रीय सहकारी बैंक), उपनिदेशक कृषि एवं परियोजना निदेशक (आत्मा), सहायक नोडल अधिकारी (उद्यान विभाग), तथा एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इंडिया लिमिटेड, जयपुर के जिला समन्वयक सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।


बैठक में निर्देश दिए गए कि सभी ऋणी किसान (केसीसी धारक) किसानों की सूची संबंधित बैंक जिला नोडल अधिकारी को तत्काल उपलब्ध कराएं तथा सुनिश्चित करें कि इन सभी किसानों का फसल बीमा योजना के अंतर्गत अनिवार्य रूप से किया जाए।
◆बीमा से वंचित रहने की प्रक्रिया भी निर्धारित
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि यदि कोई ऋणी किसान बीमा योजना से बाहर रहना चाहता है, तो उसे 31 जुलाई 2025 (फसल बीमा की अंतिम तिथि) से कम से कम सात दिन पूर्व यानी 24 जुलाई 2025 तक अपनी संबंधित बैंक शाखा को लिखित सूचना देनी होगी। निर्धारित समय सीमा के पश्चात ऐसे किसानों को योजना में सम्मिलित माना जाएगा।
◆अऋणी किसानों हेतु “फार्मर रजिस्ट्री आईडी” अनिवार्य
अऋणी किसानों को योजना से जोड़ने के लिए एग्रीस्टेक पोर्टल के माध्यम से फसल बीमा करवाया जाएगा, जिसके लिए फार्मर रजिस्ट्री आईडी अनिवार्य है। जिन किसानों के पास यह आईडी नहीं है, वे कॉमन सर्विस सेंटर अथवा ई-मित्र केंद्र से इसे बनवाकर योजना का लाभ ले सकते हैं।
बैठक के अंत में सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में किसानों को योजना के प्रति जागरूक करें, ताकि अधिक से अधिक किसान प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा हेतु फसल बीमा करवा सकें।

Author: डेस्क/माय सर्कल न्यूज
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