चित्तौड़गढ़। विश्व में अनेक संस्कृतियों जन्मी, विकसित हुई और काल के गाल में समा गई। जैन संस्कृति एवं इसके अनुयायी अपने दर्शन एवं मान्यताओं को लेकर जितना सतर्क एवं सजक रहेंगे उतना ही जैन धर्म दीर्घायु होगा, लंबे समय तक फलता- फूलता रहेगा। कहना यही है कि चाहे सवाल भोजन का हो, वस्त्र का हो, समता का हो, प्राणी मात्र के कल्याण का हो, चाहे हिंसा के विरोध का हो, हम सब मिलकर महावीर के दर्शन एवं संस्कृति को ध्यान में रखकर आचरण करेंगे, तभी विश्व मानवता का कल्याण संभव होगा।


गुरुवार को महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव के मुख्य समारोह को संबोधित करते हुए राजस्थान के सहकारिता मंत्री गौतम दक ने समतावादी और हिंसा मुक्त समाज के लिए जैन दर्शन को अनिवार्य बताया। समारोह के प्रारंभ में जैन साध्वी अपूर्व प्रज्ञा श्रीजी ने मनुष्य के अंतर भावों का वर्णन करते हुए उन्हें जैन दर्शन के अनुरूप शुद्ध करने का आह्वान किया। समारोह का प्रारंभ महिला मंडल के सदस्यों के मंगलाचरण से हुआ। महावीर जैन मंडल चित्तौड़गढ़ के अध्यक्ष राजेंद्र जोशी ने स्वागत उद्बोधन दिया। मंडल के महासचिव सोहनलाल पोखरना ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। समारोह का संचालन डॉ कनक जैन एवं अंकिता जैन ने किया।
मंडल के कोषाध्यक्ष नवीन पटवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि समारोह में अतिथियों ने अरिहंत स्मारिका के लघु संस्करण का विमोचन किया । महावीर इंटरनेशनल के अध्यक्ष अभय कुमार संचेती देहदान प्रभारी नवनीत मोदी एवं प्रकाश पोखरना की उपस्थिति में देहदान की घोषणा करने वाले नरेंद्र सिंह सेंगर का सम्मान किया गया। समारोह में मांगलिक धाम समिति के अध्यक्ष महेंद्र टोंगिया का भी अतिथियों ने पगड़ी पहनाकर सम्मान किया । वरिष्ठ नागरिक मंच के अध्यक्ष बसंती लाल जैन, महासचिव राधेश्याम आमेरिया सहित वरिष्ठ नागरिक मंच के पदाधिकारियो ने भी मंच पर आकर महावीर जयंती की शुभकामनाएं देते हुए अतिथियों का स्वागत किया।

समारोह को चित्तौड़गढ़ के सांसद सीपी जोशी, चित्तौड़गढ़ के विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह जाड़ावत तथा जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने भी संबोधित किया। समारोह में महावीर मंडल के संरक्षक किरण डांगी, रोशन लोढ़ा, सुरेश लोढ़ा, सांवरमल बोलिया, राजेंद्र बाबेल, पारस कुमार सोनी, चांदमल बोकाडिया, महिला मंडल के अध्यक्ष कल्पना मेहता, महासचिव रजनी संका, पूर्व उप जिला प्रमुख मिट्ठू लाल जाट सहित बड़ी संख्या में जैन समाज के अनुयायी उपस्थित थे।
विचार गोष्ठी एवं प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित
महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव 2025 के तहत बुधवार को विचार गोष्ठी एवं प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया ।
विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता मुंबई के डॉ बिपीन दोषी ने जैन दर्शन की विशेषताओं को बताते हुए कहा कि विश्व में केवल जैन धर्म ही ऐसा है जो आत्मा को परमात्मा बनाने की राह दिखाता है। अर्थात मनुष्य में उत्तम कर्मों के द्वारा ऐसी क्षमता उत्पन्न हो सकती है कि वह उसे मोक्ष मार्ग की ओर गतिमान कर सकता है। उन्होंने चित्तौड़गढ़ के प्राचीन जैन आचार्यो एवं उनके साहित्य की चर्चा करते हुए हरीभद्र सूरि के महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया। डॉ दोषी ने नवकार मंत्र की उत्पत्ति से लगाकर उसकी रचनागत विशेषताओं ,आशय एवं प्रभाव का विशद विवेचन किया ।
महावीर मंडल के कोषाध्यक्ष नवीन पटवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि समारोह का प्रारंभ महिला मंडल के सदस्यों द्वारा मंगलाचरण से किया गया। स्वागत उद्बोधन मंडल अध्यक्ष राजेंद्र जोशी ने दिया। विचार गोष्ठी के संयोजक डॉक्टर ए एल जैन ने विषय प्रतिपादन करते हुए मुख्य वक्ता का परिचय दिया। समारोह का संचालन डॉ कनक जैन एवं श्रीमती स्वाति छाजेड़ ने किया।
प्रतिभा सम्मान समारोह के संयोजक प्रो सी एम रांका ने प्रतिभाओं के चयन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। अतिथियों ने चित्तौड़गढ़ शहर की 37 जैन प्रतिभाओं को प्रतीक चिह्न और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। नन्ही बालिका अन्विका जैन ने कविता पाठ किया। समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

Author: डेस्क/माय सर्कल न्यूज
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