चित्तौड़गढ़। कपासन उपखंड क्षेत्र की उमण्ड ग्राम पंचायत स्थित बेड़च नदी में अवैध बजरी खनन का काम बदस्तूर जारी हैं। बजरी माफिया दिन हो या रात जेसीबी और अन्य तरीकों से बजरी खनन कर सरकार को लाखों रुपए का राजस्व हानि पहुंचा रहे हैं। कुछ दिन पहले प्रशासन, खनन विभाग और पुलिस विभाग ने उमण्ड में बजरी के स्टॉक पकड़े लेकिन उसके बाद प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नही करने से बजरी माफियाओं को हौसलें बुलन्द हैं। गांव की सरहद और खेतों पर बजरी के स्टॉक पड़े हुए हैं।


दिन-रात में बजरी माफिया नदी से बजरी निकाल कर खेतों और बाड़े में एकत्र कर उसे डम्पर में भरकर बाहर भेज रहे और मोटी चांदी कूट रहे हैं। उमण्ड गांव के लिए पेयजलापूर्ति के लिए नदी के पास एक ट्यूबवेल ग्राम पंचायत द्वारा खुदवाई गई उसके आस पास भी बजरी माफियाओं ने खुदाई कर दी। जानकारी में सामने आया कि कुछ खेत मालिक द्वारा नदी पेट की जमीन को अपनी जमीन बताकर बजरी माफियाओं से मोटी रकम लेकर बजरी निकालने की परमिशन दे रखी हैं। नदी के किनारे से खुदाई करते हुए बजरी माफिया चारागाह भूमि से भी धड़ल्ले से बजरी का खनन कर रहे हैं। शाम ढ़लते ही जेसीबी को नदी में उतार दी जाती हैं और पूरी रात नदी से बजरी निकाली जाती हैं। कपासन पंचायत समिति में पिछले दिनों हुई मीटिंग में भी उमण्ड की बेड़च नदी से बजरी दोहन का मामला उठा था लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों के आंखे मूंदे रहने से बजरी माफियाओं के हौसलें बुलन्द हो गए और सरकार को लाखों रुपए की राजस्व हानि पहुंचा रहे हैं। वाहनों की आवाजाही से गांव की नालिया भी तोड़ दी।
नदी के पेट मे दिनदहाड़े भी रोजाना 70-80 ट्रैक्टर बजरी के बेखोफ निकाले जा रहे हैं।

Author: डेस्क/माय सर्कल न्यूज
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