चित्तौड़गढ़। बेगू विधायक सुरेश धाकड़ एवं प्रबंध मण्डल सदस्य, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर ने अभियान कि शुरुआत हरी झड़ी दिखाकर शुभारंभ किया। कार्यक्रम की शुरुआत गुरुवार को सेमलपुरा, नगरी एवं बस्सी गांवो में किया गया जिसमें लगभग 826 किसानों ने भाग लिया। विकसित कृषि संकल्प अभियान मे महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने किसानों की महत्ता पर जोर देते हुए आह्वान किया कि गर्व से कहो मैं किसान हूँ, देश की जान हूँ। डॉ. कर्नाटक ने जल संरक्षण पर बल देते हुए बताया कि आने वाला समय जल के लिए युद्ध का समय है। सबसे ऊपर बताते हुए नवीनतम बीज अपनाने, आवश्यकतानुसार खाद एवं उर्वरक देने, कीटनाशक का उपयोग नही करने और कृषि में विविधिकरण द्वारा आमदनी बढ़ाने की आवश्यकता जताई। डॉ. कर्नाटक ने विश्वविद्यालय द्वारा विकसित मक्का की नई किस्म प्रताप संकर मक्का 6 की विशेषताएँ बताई। डॉ. कर्नाटक ने बताया की मक्का सबसे महंगी फसल होने वाली है। मक्का के प्रसंस्करण, पॉपकॉर्न एवं बेबीकॉर्न को दुनिया की लजीज एवं पौष्टिक सब्जी बताई। मक्का से जर्म ऑयल, स्टार्च एवं इथेनॉल बनाने की प्रक्रिया से अवगत करवाया। डॉ. कर्नाटक ने भूमि के दुरूपयोग को रोकने एवं कृषि में नवाचार करने एवं विकसित भारत की संकल्पना को सरोकार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत खरीफ फसलो की पुस्तिका, प्राकृतिक खेती एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड के फोल्डर का विमोचन किया गया।

डॉ. आर. एल. सोनी, प्रसार शिक्षा निदेशक ने प्राकृतिक खेती के महत्त्व को स्पष्ट करते हुए बताया कि आज देश बदल रहा है। आज भारत दुग्ध उत्पादन में प्रथम, दालों में द्वितीय एवं सब्जी उत्पादन में तीसरे स्थान पर है। डॉ. सोनी ने किसानों के विकास को प्राथमिकता देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय की कृषक हितार्थ नवीनतम कृषि तकनीकी किसानों तक पहुँच रही है जिससे उत्पादकता बढ़ी हैं। डॉ. सोनी ने खेती के साथ-साथ पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने, अधिक दूध देने वाली नस्ल की गायों में गिर, साहीवाल एवं थारपारकर पालने, कृषि मे लागत को कम करने, मृदा जाँच, कृषि में यन्त्रिकरण, कृषक उत्पादक संगठन से जुड़ने, खाद्यान्न फसलो एवं सब्जियों का प्रसंस्करण करने के साथ ही सरकारी योजनाओं का संवैधानिक तरीके से लाभ उठाने की आवश्यकता जताई।
डॉ. मनोज मेहला, प्रोफेसर (कीट विज्ञान) छात्र कल्याण विभाग, उदयपुर ने बताया कि खरीफ फसलो मे लगने वाले कीटो एवं रोगो के निदान के बारे में विस्तार से बताया।डॉ. आर. एस. मीणा, वरिष्ठ वैज्ञानिक, भारत सरकार (एन.बी.एस.एस.), उदयपुर ने विकसित कृषि संकल्प अभियान की महत्वता बताते हुए किसानो के खेत की सेहत की जांच अर्थात मृदा जांच हेतु युवा कृषको को वैज्ञानिक ढ़ग से खेत से मिटटी का नमूना लेने की तरीका, नमूना लेने की गहराई, नमूना को तैयार करने का तरीका बताया। मिटटी जांच के आधार पर फसलो में संतुलित खाद, उर्वरक सिफारिश एवं भूमि सुधार हेतु जिप्सम एवं हरी खाद का प्रयोग करने पर जोर दिया। कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. रतन लाल सोलंकी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कृषक हितार्थ केन्द्र की गतिविधियों के बारे में अवगत करवाया तथा किसानों को केन्द्र पर आयोजित होने वाले प्रशिक्षणों, किसान मेलो, गोष्ठियो एवं अन्य प्रसार गतिविधियों में भाग लेकर आमदनी बढ़ाने की आवश्यकता जताई। साथ ही विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत खरीफ फसलो की उन्नत उत्पादन तकनीकी के बारे में बताया। महेन्द्र डूडी, जिला विकास प्रबन्धक, नाबार्ड ने कृषको को नाबार्ड द्वारा दी जाने वाली सुविधाओ के बारे में बताया। डॉ. शिवांगी जोशी, कृषि अधिकारी ने कृषि विभाग की योजनाओ एवं अनुदानो के बारे में बताया। प्रगतिशील कृषक मोती लाल धाकड़, सेमलपुरा, राजेन्द्र कीर, नगरी एवं नारायण लाल धाकड़, जयसिंहपुरा, श्री भैरू लाल धाकड़ बस्सी ने कृषि किये जाने वाले नवीन तकनीको के बारे में बताया। विकसित कृषि संकल्प अभियान कार्यक्रम में महमूद गौरी, निदेशक, कट्स, चित्तौड़गढ़, मुकेश आमेटा, क्षेत्रीय निदेशक, इफको, जोगेन्द्र सिंह राणावत, कृषि अधिकारी, छोटू लाल धाकड़, पंचायत समिति सदस्य, बस्सी, श्रीमती अंजू कंवर, अध्यक्ष, सबका साथी किसान प्रोड्युसर कम्पनी लिमिटेड, बस्सी, हरिश सिंह, एफपीओ प्रतिनिधि, संजय कुमार धाकड़, तकनीकी सहायक,शंकर लाल नाई, सहायक कृषि अधिकारी (सेवानिवृत), कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे।

Author: डेस्क/माय सर्कल न्यूज
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