चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ शहर का बहुचर्चित यौन शोषण का मामला लगातार सुर्खियों में है। निवर्तमान सभापति संदीप शर्मा के विरूद्ध एक विवाहिता द्वारा नौकरी का झांसा देकर यौन शोषण करने को लेकर सदर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।

न्यायालय ने संदीप शर्मा की गिरफ्तारी पर स्थगन आदेश जारी करते हुए 4 सप्ताह में अनुसंधान पूर्ण कर केस डायरी तलब की है।
29 नवम्बर को दर्ज एफआईआर 376, 323, 354, 506, 343 आदि गंभीर मामलों में दर्ज हुई थी और पुलिस लगातार संदीप शर्मा की तलाश कर रही थी लेकिन इस बीच आज राजस्थान उच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई हुई और जानकारी है कि न्यायालय ने संदीप शर्मा की गिरफ्तारी पर स्थगन आदेश जारी करते हुए 4 सप्ताह में अनुसंधान पूर्ण कर केस डायरी तलब की है। प्रारंभिक तौर पर यह आदेश जारी होने के बाद निवर्तमान सभापति संदीप शर्मा को राहत मिल गई है, लेकिन सूत्र बताते है न्यायालय के आदेशों के अनुसार पुलिस अपना अनुसंधान करने के लिए स्वतंत्र रहेगी और पुलिस के अनुसंधान के बाद ही न्यायालय में अंतिम निर्णय देगा।
◆उच्च न्यायालय में लगाई थी पिटीशन
गत 29 नवम्बर को संदीप शर्मा के विरूद्ध सदर थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद तीन दिसम्बर को शर्मा ने राजस्थान उच्च न्यायालय में क्रिमिनल मिसलेनियस पिटीशन दायर की थी। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 528 के तहत इस पिटीशन में एफआईआर क्रेश करने की गुहार लगाई गई थी। जस्टिस फरजंद अली की बेंच में प्रस्तुत होने पर उन्होंने सुनवाई से इंकार करते हुए पिटीशन को दूसरी बेंच में स्थानान्तरित किया था। इसके बाद आज इस पर सुनवाई की गई और जानकारी के अनुसार न्यायालय ने अपने आदेश में चार सप्ताह में केस डायरी प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुए शर्मा की गिरफ्तारी पर स्थगन आदेश जारी किया है। गौरतलब है कि इससे पूर्व शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने उनके घर और होटल आदि स्थानों पर दबिश भी दी थी वहीं पीड़िता के बताये स्थानों पर मौका मुआयना किये जाने की तैयारी की जा रही थी। अब इस आदेश के जारी होने के बाद चार सप्ताह में पुलिस को न्यायालय में प्रस्तुत करनी होगी।
Author: डेस्क/माय सर्कल न्यूज
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