राशमी। एक ओर जहां स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिला प्रशासन की ओर से पावन चित्तौड़गढ़ कार्यक्रम चलाया जा रहा हैं। वहीं दूसरी ओर यहां कस्बे में ग्राम पंचायत घर-घर से कचरा एकीकृत कर बनास नदी में डलवा रही हैं। जिससे क्षेत्र में गंगा की तरह मानी जाने वाली बनास नदी में गंदगी का अंबार लग गया हैं। ग्रामीणों ने बताया कि यहां कस्बे में ग्राम पंचायत के माध्यम से प्रत्येक घर से कचरा एकत्रित किया जाता हैं। उसके बाद कचरे को कस्बे के बाहर बनास नदी पर बने काजवे के नीचे की ओर खाली कर दिया जाता हैं। जिससे बनास नदी में गंदगी फैल रही हैं। दिनभर बेसहारा पशु खाद्य सामग्री की आस में कचरे में मुंह मारते रहते हैं। ग्रामीणों ने कचरे का विधिवत निस्तारण कराए जाने की मांग की है। दूसरी ओर ग्राम पंचायत सरपंच बंशीलाल रेगर ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत घरों से एकत्रित कचरे के सही निस्तारण के लिए आरआरसी सेंटर बनाए जाने का प्रावधान है। लेकिन यहां ग्राम पंचायत के पास आरआरसी सेंटर बनाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं हैं। जमीन उपलब्ध होने पर आरआरसी सेंटर का निर्माण किया जाना संभव होगा। ग्राम पंचायत ने इससे पूर्व एक दो अन्य जगहों पर कचरा निस्तारण करने का प्रयास किया। लेकिन लोगों ने उसका भी विरोध किया।
