राशमी। यहां स्थानीय न्यायिक मजिस्ट्रेट पृथा फौजदार ने चेक अनादरण के आरोपी को दोषी मानते हुए 2 लाख 60 हजार रुपये अर्थ दण्ड और दो माह की सजा सुनाई है। जानकारी के अनुसार कन्हैया लाल पुत्र जोधराज रेगर निवासी राशमी ने अपने अधिवक्ता शंभू लाल आचार्य के माध्यम से एक परिवाद न्यायालय में पेश कर बताया कि सुरेश चंद्र आर्य पुत्र चंपालाल रेगर से उनकी पहचान है। सुरेश चंद्र आर्य ने 11 मार्च 2022 को रूपयों की आवश्यकता होने पर उससे 2 लाख रुपये उधार लिए, जिसकी अदायगी के लिए उसने बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शाखा राशमी के अपने खाते का चेक दिया, जो निर्धारित तिथि को भुगतान प्राप्ति के लिए बैंक में प्रस्तुत करने पर अनादरित हो गया। उसने अपने अधिवक्ता शंभूलाल आचार्य के माध्यम से सुरेश चंद्र को नोटिस भेजकर भुगतान करने की मांग की, लेकिन उसने रुपये नहीं लौटाए। प्रकरण की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश पृथा फौजदार ने दोनो पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी सुरेश चंद्र आर्य को दोषी मानते हुए धारा 138 नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत 2 लाख 60 हजार रुपए के अर्थ दंड और दो माह के कारावास की सजा सुनाई।

