चित्तौड़गढ़। मेवाड़ के प्रख्यात सूफी संत हजरत दीवाना शाह साहब र.अ. की दरगाह शरीफ कपासन पर रोजाना बड़ी संख्या में जायरीन पहुंचते हैं। यहां आने वाले जायरीन फूल, अगरबत्ती लेकर कतारों में खड़े होकर बाबा हुजूर की जियारत करते हैं और देश में अमनो सुकून, खुशहाली और मन्नत मांगते हैं।


यहां आने वाले जायरीन बताते हैं कि यहाँ आने मात्र और लोबान लेने से ही उनको कई समस्याओं से निजात मिल जाती हैं। यहाँ साल में 6 से 8 सफर तक तीन दिन तक दीवाना शाह का सालाना उर्स आयोजित होता हैं। उर्स के दरमियान 8 से 10 लाख जायरीन देश के कौन-कौने से यहां आते हैं।
30 बीघा जमीन पर फैली दीवाना शाह दरगाह में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान की झलक भी दिखने को मिलती हैं। इतना बड़ा दरगाह परिसर होने पर भी यहां सफाई का विशेष ख्याल रखा जाता हैं।
यहां हर माह चाँद रात (चंद्र दर्शन) पर मेला जैसा दृश्य देखने को मिलता हैं। यहां उर्स और चांद रात के अवसर पर दरगाह परिसर में 300 से अधिक अस्थाई दुकानें लगाई जाती हैं जहां जायरीन अपनी जरूरत का सामान खरीद-फरोख्त करते हैं। 30 बीघा जमीन पर फैली यह दरगाह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान की झलक भी दिखलाती हैं। इतना बड़ा दरगाह परिसर होने पर भी यहां सफाई का विशेष ख्याल रखा जाता हैं। दरगाह परिसर से लेकर बाबा हुजूर की मजार तक स्वच्छता का संदेश आसानी से देखने को मिलता हैं। बड़ी संख्या में जायरीनों के आने के बावजूद यहां की दरगाह वक्फ कमेटी छांव, पानी, ठहरने समेत सफाई व्यवस्था माकूल रखती हैं।

दरगाह परिसर में बने आहता-ए-नूर में बिना माईक साउंड के ही हारमोनियम, तबला, ढ़ोलक की थाप और कव्वालों की जुगलबंदी से क्वालियों की प्रस्तुति मन को सुकून दे जाती हैं। अदब अहतराम के साथ यहां जायरीन कव्वालियां सुनते नजर आते हैं। दरगाह परिसर में ही जायरीनों के ठहरने के लिए महफ़िल खाना, कबीर मंजिल और हाल ही में नवनिर्मित डॉम मौजूद हैं जो जायरीनों के ठहरने के साथ-साथ उन्हें धूप-बारिश से बचाते हैं। दरगाह वक्फ कमेटी की ओर से दरगाह में आने वाले जायरीनों का विशेष ख्याल रखते हैं। यहां पूछताछ कक्ष पर बैठे कर्मचारियों द्वारा जायरीनों के लिए ठहरने, बैठने, आवागमन और जियारत के लिए उचित मार्गदर्शन करते देखने को मिला।

जानकारी में सामने आया कि चाँदरात और उर्स के दौरान यातायात बाधित ना हो उसके लिए भी दरगाह वक्फ कमेटी प्रशासन को समय-समय पर यातायात आवागमन को लेकर अवगत करवाती रहती हैं। जायरीनों ने बताया कि सूफी संत हजरत दिवाना शाह बाबा के परम शिष्य मास्टर हरि राम थे। बताया जाता हैं कि यहां सभी धर्मों के लोग बाबा हुजूर की जियारत करने आते हैं। इसीलिए दिवाना शाह साहब की दरगाह को कौमी एकता की मिसाल के रूप में देखा जाता हैं।

देश के कौने-कौने से जायरीन यहां जियारत के लिए आते रहते हैं। यहां दिन ढ़लने से पहले जायरीन लोबान लेते है। जायरीन बताते हैं कि यहां आने मात्र से उनको कई समस्याओं से निजात मिली हैं। बताया गया कि दरगाह वक्फ कमेटी की ओर से यहां आने वाले जायरीनों के लिए छांव, पानी, ठहरने की सुविधा, साफ-सफाई समेत अन्य सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा जाता हैं।

यहां दरगाह परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी रखी जाती हैं। दरगाह वक्फ कमेटी के पदाधिकारी, मेम्बर स्वच्छता के साथ-साथ जायरीनों की सुविधाओं को विशेष महत्व देते नजर आते हैं।
Author: डेस्क/माय सर्कल न्यूज
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