

बेगूं। बेगूं क्षेत्र के बागपुरा वन क्षेत्र में शनिवार सायं को अचानक लगी आग ने विकराल रूप ले लिया। तेज हवाओं के कारण आग तेजी से लगभग 100 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र को अपने लपेटे में ले लिया।
आग कैसे लगी इसका अभी तक कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है, लेकिन यह सवाल उठना लाज़मी है कि हर साल गर्मी शुरू होते ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं क्यों बढ़ जाती हैं?
यह आग पंचायत डोराई के बागपुरा जंगलों से शुरू हुई और आसपास के गांवों तक पहुंच गई। लपटे इतनी तेज देखकर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे और आग बुझाने के प्रयासों में जुट गए। घटना की सूचना मिलते ही बेगूं नायब तहसीलदार विष्णु यादव और वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंचे। मौके पर नगर पालिका धागा फैक्ट्री और चित्तौड़गढ़ से तीन फायर ब्रिगेड को बुलाया। लेकिन लगातार मशक्कत के बावजूद आग पर काबू नहीं पाया जा सका। आग से पेड़ पौधे जलकर राख हो गए हैं और जंगल के जीव जंतु सुरक्षित स्थान की ओर भाग रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और वन विभाग आग बुझाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। राहत कार्य अभी जारी है।

वन विभाग को सतर्कता बरतनी होगी।
वन क्षेत्र में लगातार बढ़ रही आग की घटनाओं को देखते हुए वन विभाग को सतर्कता बढ़ाने की जरूरत है। यदि समय रहते निगरानी रखी जाए और उचित उपाय किए जाएं तो इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है। जंगल में सूखी घास और तेज हवाएं आग को और भड़काने का काम करती हैं, ऐसे में अग्नि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम जरूरी हैं। वही वन विभाग को अब गर्मी के मौसम में जंगलों में निगरानी बढ़ानी होगी।


