
चित्तौड़गढ़। प्रयास द्वारा गैर संक्रमित रोगों पर नियंत्रण हेतु स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं आशा और एएनएम की भूमिका पर एक दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यशाला पंचायत समिति सभागार चित्तौड़गढ़ में आयोजित की गई जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घटियावली एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र उदपुरा क्षैत्र के 20 गांवों की आशा सहयोगिनी, एएनएम एवं संस्था के जन अधिकार प्रहरियों सहित 60 व्यक्तियों ने भाग लिया।
कार्यशाला के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ नरेंद्र गुप्ता प्रयास ने बताया गया कि सभी बीमारियों के उपचार के लिए अलग-अलग श्रेणी के अस्पताल बने हुए हैं। इन अस्पतालों में श्रेणी अनुसार स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के पद पूरे होने चाहिए लेकिन विडंबना है कि सरकार श्रेणी अनुसार उक्त पदों पर भर्ती नहीं कर पा रही हैं जिससे कई अस्पतालों में स्वीकृत पद भी रिक्त है। उन्होंने बताया कि व्यक्ति के शरीर में बीपी या शुगर होने के कारण वो काम नहीं कर पाता वह अपनी क्षमता खो देता है और वह लंबे समय तक जी नहीं पता है। बीपी एवं शुगर जैसी बीमारियां फैलने का मुख्य कारण हमारे जीवन शैली में बदलाव है। उन्होंने कहा कि हमारे शरीर में खून की नलियों में कैलेस्ट्रोल जम जाता है जिसके कारण खून तेज गति से शरीर में नहीं जा पाता है जिसके कारण बीपी बढ़ जाती हैं। शरीर में बीमारी ना हो इसके लिए खान-पान का ध्यान रखना चाहिए। समुदाय में संचारी एवं गैर संचारी रोग की रोकथाम के लिए गांव स्तर पर एएनएम व आशा कार्यकर्ता नियुक्त है किन्तु उनकी भी वैज्ञानिक सोच होनी चाहिए। कोई भी व्यक्ति रोगग्रस्त नहीं हो इसके लिए समुदाय में स्वजागरूकता आवश्यक है।
राजाराम चौधरी ब्लाॅक कार्यक्रम प्रबन्धक चित्तौड़गढ़ ने बताया कि गैर संचारी रोग जैसे बीपी, डाइबिटीज, कैंसर थायराइड ऐसे रोग हैं जो एक से दूसरे में नहीं फेल कर अपने जीवन शैली से ही बीमारियां उत्पन्न होती हैं। डाॅ. नरेन्द्र वर्मा, सहायक आचार्य, आयुर्विज्ञान महाविद्यालय चित्तौड़गढ़ ने गैर संचारी रोगों पर नियन्त्रण के लिए संभागियों से चर्चा करते हुए बताया कि बीमारी को कम करने के लिए भोजन में फल, सलाद, बाजरा मक्का इत्यादि का सेवन करना चाहिए जिससे कि बीपी, शुगर सहित अनके बीमारियों पर नियंत्रण किया जा सके। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम प्रारम्भ किया है। यह कार्यक्रम विशेष रूप से डायबिटीज और उच्च रक्तचाप (बीपी) जैसे प्रमुख गैर-संचारी रोगों पर ध्यान केंद्रित करेगा। डाॅ. भाविनी विजयवर्गीय, सहा. आचार्य आयुर्विज्ञान महाविद्यालय चित्तौड़गढ़ गैर-संचारी रोगों का बढ़ता बोझ, विशेष रूप से डायबिटीज और उच्च रक्तचाप, भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। इन रोगों के नियन्त्रण और रोकथाम के लिए सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे है, जिससे लोगों को जागरूक किया जा कर उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सके। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रामेश्वर शर्मा, प्रयास ने बताया कि गैर संचारी रोगों पर नियन्त्रण के लिए सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाए। प्रयास से कार्यक्रम प्रभारी गोवर्धन यादव ने प्रयास द्वारा संचालित एमसीडी कार्यक्रम के बारे में सभी संभागों को जानकारी देते हुए बताया कि परियोजना क्षेत्र के प्रत्येक गांव में प्रयास द्वारा जन अधिकार प्रहरी (स्वयं सेवक) लगाए गए हैं ताकि गैर संक्रमित रोगों की जानकारी कर लोगों को नियमित दवाइयां मिले इस हेतु प्रेरित करेंगे।


Author: डेस्क/माय सर्कल न्यूज
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