

गंगरार। डेट ग्राम में आयोजित शिव महापुराण कथा के छठवें दिवस भगवान शिव जी के 11 रुद्रों की कथा सुनाते हुए व्यास पीठ से पण्डित घन्श्याम वैष्णव ने बताया कि विशेष जब भी शिव जी पधारे उनके साथ महा सती मां पार्वती भी पधारे जैसे उज्जैन में महाकाल तो देवी जगदम्बा महा काली, दूसरा अवतार तार तो महादेवी तारा देवी श्री विधेश तो महादेवी श्री विद्या देवी और ग्यारवें अवतार में भगवान शिव जी स्वयं हनुमान जी के रूप में पधारे जो मां आंजना कुंवारे रहने के लिए भक्ति तपस्या की तो देवताओं की प्रार्थना पर महादेव का तेज पवन के द्वारा मा अंजना के कान में प्रवेश किया जिस से पवन पुत्रा तथा शंकर सुवन केसरी नंदन कहलाएं गौतम ऋषि के श्राप वस अंजना मा कुंवारे ही मां कहलाय। इसी के साथ ही कथा में हनुमान जन्मोत्सव की महिमा सुनाई गई। कथा के दौरान भक्त हुए भाव विभोर हो गये। कथा में जंगी जगत में प्रगटी आवरा जग जननी मां सिंगोली रा श्याम काला घणा रूपला सा महिमा का गान किया गया। कथा वाचक घनश्याम वैष्णव द्वारा मनुष्य के जीवन की सारी अवस्थाओं का वर्णन किया जिस में हंसी में खासी में सोते उठते बैठते चलते कभी भी राम का नाम लिया तो कलियुग में 10 गुना फल मिलेगा और युगों से महत्त्व कलियुग में ज्यादा बताया राम नाम सर्वोपरी बताया।

