

चित्तोडगढ। जिले के किसानों को अब बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार की योजना प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान कम्पोनेंट-‘‘बी‘‘ के अंतर्गत किसानों को 3, 5 व 7.5 एचपी क्षमता तक स्टैंड अलोन सौर ऊर्जा पंप संयंत्र अनुदान पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। किसान 10 एचपी क्षमता के सोलर पंप संयंत्र भी लगा सकते हैं परंतु अनुदान सहायता 7.5 एचपी तक ही देय होगा। जिले को सामान्य श्रेणी में 750, अनुसूचित जाति में 170 एवं अनुसूचित जनजाति में 80 सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना के लक्ष्य प्राप्त हुए हैं। वरीयतानुसार अनुदान पहले आओ पहले पाओ के आधार पर प्रशासनिक स्वीकृत जारी की जायेगी।

उद्यान विभाग के उप निदेशक डॉ.शंकर लाल जाट ने बताया कि राजकिसान साथी पोर्टल पर ई-मित्र के माध्यम या किसान स्वयं अपने स्तर से आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए किसान के पास कम से कम 0.4 हैक्टेयर एवं अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के जनजाति कृषक के 0.20 हैक्टययर जमीन होना आवश्यक है। आवेदन करते समय जमाबन्दी/नकल (06 माह से ज्यादा पुरानी नही), विद्युत कनेक्शन विहिन कृषक हेतु देय शपथ पत्र(निर्धारित प्रारूप में), जन आधार कार्ड जरूरी है। कृषकों को 60 प्रतिशत अनुदान देय होगा।
अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के जनजाति कृषकों को 3 व 5 एचपी के सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र निःशुल्क लगाये जाते है।
किसानों को बस इतना हिस्सा वहन करना होगा- 3 एचपी सोलर पंप लगवाने हेतु कृषक हिस्सा राशि 101124 रूपये और 5 एचपी सोलर पंप लगवाने हेतु कृषक हिस्सा राशि 129221 रूपये एवं और 7.5 एचपी सोलर पंप लगवाने हेतु कृषक हिस्सा राशि 181437, 214638 रूपये 10 एचपी सोलर पंप लगवाने हेतु कृषक हिस्सा राशि 342555 रुपये वहन करना होगा।
कृषक की प्रशासनिक स्वीकृति जारी होने के उपरान्त कृषक हिस्सा राशि का भुगतान कार्यालय के बैंक खाते में ऑनलाईन आरटीजीएस के माध्यम से करना होगा। किसी अन्य माध्यम (नगद) से कृषक हिस्सा स्वीकार नही की जायेगी। पीएम-कुसुम योजना की अधिक जानकारी के लिये केवल जिला कार्यालय या अपने क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक से सम्पर्क करें। किसी बाहरी व्यक्ति के बहकावे में नही आवें।

