चित्तौड़गढ़। संविधान हत्या दिवस का जिला स्तरीय समारोह बुधवार को कुंदन लीला रिसोर्ट में प्रदेश के ग्रह गोपालन पशुपालन डेयरी एवं मत्स्य राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
गृह राज्य मंत्री ने इस अवसर पर आपातकाल लगाए जाने के 50 वर्ष पूर्ण होने पर इमरजेंसी में जेल जाने एवं इमरजेंसी के साक्षी रहे 19 लोकतंत्र सेनानियों को शॉल एवं ऊपरना ओढ़ा कर सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया।
गृह राज्य मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आज ही के दिन 50 वर्ष पूर्व 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाया गया था। उन्होंने इस दिन को याद करने एवं उसे सरकार के इस संविधान विरोधी कार्य करते हुए असवैधानिक रूप से आपातकाल लगाने को युवा पीढ़ी एवं उसे समय के साक्षी रहे लोगों को बताना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि संविधान में यह प्रावधान है कि देश में विपरीत परिस्थितियों एवं आंतरिक खतरा होने पर ही आपातकाल लगाया जाता है लेकिन उसे समय ऐसा नहीं था। उन्होंने कहा कि आंतरिक खतरा नहीं होने पर भी व्यक्तिगत खतरा होने पर उस समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने व्यक्तिगत कारणों से आपातकाल लगाया था। उन्होंने कहा कि चित्तौड़गढ़ की धरती अत्याचार के खिलाफ लड़ने वाली धरती रही है और यहां लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान समारोह यादगार रहा रहेगा।
गृह राज्य मंत्री ने इस अवसर पर 19 लोकतंत्र सेनानियों को शॉल एवं ऊपरना ओढ़ा एवं माल्यार्पण कर सम्मानित किया। उन्होंने आयोजित भोज में लोकतंत्र सेनानियों को भोजन भी करवाया। समारोह मे जिला कलक्टर आलोक रंजन ने भी अपने विचार व्यक्त किये।


इस अवसर पर जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी, समाजसेवी रतन गाडरी सहित जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय पाठक, अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रभा गौतम सहित सागर सोनी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह सहित जिला स्तरीय अधिकारी सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
प्रारंभ में गृह राज्य मंत्री ने मां भारती की तस्वीर पर माल्यार्पण कर समारोह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर आपातकाल के दौरान यातनाएं भुगतने एवं जेल में रहने वाले लोकतंत्र सेनानियों ने अपने अनुभव भी साझा किया।
