बेगूं। पंचायत समिति बेगूं क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबन की दिशा में प्रेरित करते हुए राजीविका समूह की महिलाएं अब पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करते हुए पर्यावरण अनुकूल उत्पाद बना रही हैं। बेगूं ब्लॉक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अंतर्गत संचालित राजस्थान ग्रामीण आजीविका परियोजना राजीविका के तहत पारसोली कलस्टर के डेकड़ी खेड़ा एवं पारसोली गांव की स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं पलाश (खाखरे) के पत्तों से पतल व दोने बना रही हैं।
राजीविका के ब्लॉक परियोजना प्रबंधक आरपीएपी शिवलाल बैरागी ने बताया कि यह कार्य पंचायत समिति बेगूं के विकास अधिकारी सुरेश गिरी गोस्वामी के निर्देशानुसार किया जा रहा है। इससे न केवल महिलाओं को घर बैठे रोजगार मिल रहा है, बल्कि वे स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर आत्मनिर्भरता की ओर भी अग्रसर हो रही हैं।
महिलाएं अपने आसपास के जंगलों से खाखरे के पत्ते इकट्ठा कर घर पर ही पतल और दोने तैयार कर रही हैं। यह पहल स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्लास्टिक के दुष्प्रभावों से बचाव और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। खाखरे के पत्तों से बने उत्पाद प्लास्टिक का एक सशक्त एवं टिकाऊ विकल्प बन सकते हैं।
इस अवसर पर नरेगा से सीटीए श्रवण पोटर, कलस्टर मैनेजर सीमा गुर्जर, डाटा एंट्री सखी प्रियंका धाकड़, कन्हैयालाल, सत्यनारायण सहित समूह की कई महिलाएं उपस्थित रहीं।

