चित्तौड़गढ़। जिला कलक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक (ईजीएस) आलोक रंजन ने जानकारी देते हुए बताया
कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत संचालित कार्यों की समयावधि में संशोधन किया गया है। यह संशोधन मानसून की वर्तमान परिस्थितियों एवं श्रमिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
भारत सरकार के मनरेगा अधिनियम 2005 की अनुसूची-1, पैरा 19 के अनुसार श्रमिकों के लिए प्रतिदिन 8 घंटे की कार्य अवधि (1 घंटे के विश्राम काल सहित) निर्धारित है। गर्मी के मौसम में कार्य समय को राज्य सरकार के निर्देशानुसार प्रातः 5.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक (बिना विश्राम काल) निर्धारित किया गया था।
अब मानसून के आगमन के साथ कार्य स्थल पर मौसम अनुकूल होने के कारण 16 जुलाई 2025 से कार्य का नया समय प्रातः 9.00 बजे से सायं 5.00 बजे तक (दोपहर 1.00 से 2.00 बजे तक एक घंटे के विश्राम सहित) प्रभावी किया गया है।
विशेष निर्देश
यदि कोई श्रमिक समूह निर्धारित टास्क को समय से पूर्व पूरा कर लेता है, तो वह संबंधित मेट के पास मस्टररोल में टास्क प्रपत्र में दर्ज करवा कर, समूह के मुखिया के हस्ताक्षर के बाद, दोपहर 3 बजे के पश्चात (एनएमएमएस की द्वितीय पारी की हाजरी प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत) कार्य स्थल छोड़ सकता है।
जिला कलक्टर ने समस्त संबंधित विभागीय अधिकारियों एवं ईजीएस कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देशित किया है कि संशोधित कार्य समय की पालना सुनिश्चित करें तथा श्रमिकों को समय परिवर्तन की जानकारी समय पर उपलब्ध करवाई जाए।

